तेरी खुश्बु है आती अभि तक मेरी रूह से
तेरे स्पर्ष का है एहसास बाकि अभि
तेरे हाथों की गर्मी को महसूस करति हू मै
तेरे हाथों की नर्मी क एहसास भी गया नहीं
बालों मे हर संसनाहट का तु हि जिम्मेदार है
होठो के कपकपाने कि वजह भी है तु हि
उन सुन्हरी सुबहो मे साथ तु था जब
मुस्कुरआती हुइ आती थि किरने भी
शामो का तो पूछना हि क्या
ऐसी चाँदनी तो कभी रातों मे घुली हि नहीं
ठण्डी हवा और वो बारिश कि बूँदे
भीगे हुये हम एक दूसरे के नशे मे
मअदहोशी क एक अलग हि समा था
होश कहाँ था किसी को क्या पता था
रातो मे करवट लू तो लगता है काष बाहों मे भर सक्ती तुम्हे अभि
नींद जब आती नहीं तो लगता है बातें कर सक्ति तुम्से युही
कोन कह्ता है मै याद करति हू तुम्हे
मै तो कोशिश करति हू बस तिनका भर भूल्ने की
तेरे स्पर्ष का है एहसास बाकि अभि
तेरे हाथों की गर्मी को महसूस करति हू मै
तेरे हाथों की नर्मी क एहसास भी गया नहीं
बालों मे हर संसनाहट का तु हि जिम्मेदार है
होठो के कपकपाने कि वजह भी है तु हि
उन सुन्हरी सुबहो मे साथ तु था जब
मुस्कुरआती हुइ आती थि किरने भी
शामो का तो पूछना हि क्या
ऐसी चाँदनी तो कभी रातों मे घुली हि नहीं
ठण्डी हवा और वो बारिश कि बूँदे
भीगे हुये हम एक दूसरे के नशे मे
मअदहोशी क एक अलग हि समा था
होश कहाँ था किसी को क्या पता था
रातो मे करवट लू तो लगता है काष बाहों मे भर सक्ती तुम्हे अभि
नींद जब आती नहीं तो लगता है बातें कर सक्ति तुम्से युही
कोन कह्ता है मै याद करति हू तुम्हे
मै तो कोशिश करति हू बस तिनका भर भूल्ने की
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